बृहद्रथ कौन था?
वह शासक, जो मगध पर सबसे प्राचीन राजा था। बृहद्रथ शासक प्राचीन बृहद्रथ वंश के संस्थापक भी था। जब यह मगध का राजा था उस समय मगध की राजधानी गिरीबृज (राजगृह) हुआ करती थी। यह राजा वसु उपचारी का पुत्र था।
बृहद्रथ का सम्राज्य:
बृहद्रथ के समय मे बृहद्रथ का साम्राज्य काफी बड़ा था यही वह शासक था जिसने मगध पर सबसे पहले शासन किया। इसलिए इसने ही मगध को शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में विकसित किया। मगध की सीमा उत्तर गंगा नदी से दक्षिण में विंध्या पर्वत तक और पूर्व में चंपा से पश्चिम सोन नदी तक विस्तृत था। मगध की राजधानी गिरी ब्रिज हुआ करती थे जो क राजगृह के नाम से भी जानी जाती थी। यह 5 पहाड़ियों से मिलकर बना हुआ।
बृहद्रथ का वंश
बृहद्रथ अपने सबसे में पुत्र जरासंध को राजगद्दी सौपकर कर धरती से स्वर्ग की ओर चले गए।
बृहद्रथ राजा ही वह राजा था जिसने अपने वंश की स्थापना की और इनका वंश कई शासकों तक चला। यह शासक इस प्रकार है:-
1. कुसगरा (1985-1950)
2. ऋषभ (1950-1890)
3. सत्यहिता (1890-1870)
4. पुष्पा (1870-1833)
5. सतर्षिता (1833-1800)
6. सुधन्वा (1800-1710)
7. सर्व (1710-1666)
8 भुवन(1666-1625)
9. जरासंध (1625-1580)
10. सहदेव (1580-1545)
11. मारजारी (1545-1501)
12. श्रुतसर्व (1501-1430)
13. अप्रतिपा (1430-1345)
14. निरमित्र (1345-1249)
15. सक्षत्र (1249-1166)
16. बृहत्कर्मा (1166-1100)
17. साइनाजित (1100-1090)
18. श्रीतमजय (1090-1053)
19. महाबला (1053-1005)
20. सुच्ची (1005-998)
21. क्षेम्य (998-943)
22 अंहव्रत(943-901)
23. धर्मनमित्रा (901-872)
24. निर्व्रती (872-818)
25. सुव्रत (818-796)
26. महासेना (796-770)
27. सुमिता(770-745)
28. सुबाला(745-735)
29. सुनेत्र (735-728)
30. सत्यजिता(728-720)
31.विश्वजीत (720-699)
32. रिपुन्जय (699-682)
इस वंश का अंतिम सम्राट रिपुन्जय था। इसको इसके दरबारी मंत्री पुलक ने मारकर अपने पुत्र को राजा बनाया इसके कुछ वर्षों बाद भी एक अन्य दरबारी मंत्री में "महीय" ने पूलक और उसके पुत्र को मारकर अपने पुत्र बिंबिसार को राजगद्दी पर बैठाया।
इस तरह से बृहद्रथ का वंश के स्थापना करके और बृहद्रथ वंश के शासन और उनके वंश का शासन चला और अंत हो गया जिसके बाद हर्यक वंश का स्थापना हुई और मगध की मूल रूप में स्थापना हुई।
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