क्या आप जानते हैं? बिपिन रावत के बारे में! जो भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ़ सेवा के पद पर थे! और इसके साथ ही इससे पहले थल सेना के अध्यक्ष थे! यह भारत के असाधारण व्यक्तियो में से एक थे! क्या आप जानते हो जनरल बिपिन रावत कब व कैसे सेना में शामिल हुये और उन्होने एक महत्वपूर्ण योगदान किया? उनकी मुर्त्यु कब और कैसे हुई? तो चलिये जानते है, महान व्यक्ति बिपिन रावत के बारें
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1958-2021 |
इनका जन्म व स्थान और इनके बारे में
इनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के गढवाल जिले के पौड़ी में हुआ था। इनकी माता का नाम ...... । इनके पिता का नाम लक्षमण सिंह रावत था जो कि भारतीय सेना में लेफ्टिनेट जनरल के पद से अपनी सेवा दी थी। वैसे इनके परिवार में शुरु से ही भारतिय सेना मे अपनी सेवा व एक महत्वपूर्ण योगदान देते रहे है।
इनकी शिक्षा
जनरल बिपिन रावत ने अपनी शुरुआति शिक्षा देहरादून के केम्ब्रियन हॉल स्कूल से की और उसके बाद शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से की अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की।
स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद जनरल बिपिन रावत ने अपनी कॉलेज राष्टीय शिक्षा अकादमी खडकवास और भारतीय रक्षा सेना अकादमी, देहरादून से अपनी स्नातक शिक्षा प्राप्त की और इसमे इन्हे स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
वही फोर्ट लिवेनवर्थ, युनाइटेड स्टेटस(USA) में डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज, वेलिगंटन और आर्मी कमांड में हायर कमांड कोर्स से भी स्नातक की है।
रक्षा व प्रबधंन अध्ध्यन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एम फिल की डिग्री हासिल की। मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रेटेजिक व डिफेंस स्टड्जिस मे से भी एम. फिल की है । सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए, उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी(P.hd) से सम्मानित किया गया।
जनरल बिपिन रावत का विवाह
जनरल बिपिन रावत का विवाह मधुलिका से 1985 हुआ था और मधुलिका मध्यप्रदेश के शहडोल की रहने वाली थी और दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी से की थी। मधलिका आर्मी वॉइस वाल्फेयर असोसिसन की प्रेसिडेंट थी। इसके अलावा वह कई तरह से सोशल वर्क के अलावा कैंसर पीड़ितों के लिए काम किया करती थीं।
वर्तमान मे जनरल बिपिन रावत की 2 बेटियां है। इनकी बडी बेटी का नाम किर्तिका और छोटी का तारिणी है। किर्तिका की शादी हो चुकी है और वह मुम्बई में रहती है।
सेना में शामिल होकर अपनी सेवाएं
जनरल बिपिन रावत 20 वर्ष की उम्र में ही भारतीय सेना में शामिल हो गए थे।16 दिसम्बर 1978 को उनको 11 गोरखा राइफल की 5वी बटालियन मे पहली बार नियुक्त किया गया था और अपनी सेवाएं प्रदान देनी शुरु की।
28 वर्ष की उम्र मे LAC इन्फैन्ट्री बटांलियन के प्रमुख रहे और 58 वर्ष की उम्र मे उप सेना प्रमुख । इसके बाद 2017 में थल सेना प्रमुख बनें और इसके बाद 2020 मे भारत व तीनो सेना अध्यक्ष के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर रहकर अपनी सेवाएं प्रदान की।
विभिन पदो पर कब से कब तक रहकर जनरल विपिन रावत ने अपनी सेवा भारतीय सेना मे प्रदान की।
- सेकंड लेफ्टिनेंट- 16 दिसंबर 1978
- लेफ्टिनेंट- 16 दिसंबर 1980
- कैप्टन -31 जुलाई 1984
- मेजर -16 दिसंबर 1989
- लेफ्टिनेंट कर्नल – 01 जून 1998
- कर्नल – 01 अगस्त 2003
- ब्रिगेडियर -01 अक्टूबर 2007
- मेजर जनरल -20 अक्टूबर 2011
- लेफ्टिनेंट जनरल- 01 जून 2014
- जनरल (सीओएएस) 0 1 जनवरी 2017
- सीडीएस – 30 दिसंबर 2019
कई पुरस्कारों से सम्मानित
जनरल बिपिन रावत को अपनी सेवा कार्यकाल के दौरान विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किए गए थे :-
1. परम विशिष्ट सेवा पदक
2. उत्तम युद्ध सेवा पदक
3. अति विशिष्ट सेवा पदक
4. युद्ध सेवा पदक
5. सेना पदक
6. विशिष्ट सेवा पदक
7. डीकैंप पदक
इनका का निधन
इनकी मृत्यु 8 दिसंबर 2021 को एक विमान (Mi-17V5 हेलिकॉप्टर) के पेड से टकराने की दुर्घटना के कारण हुई जिसमें उनके साथ उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई थी। यह घटना तमिलनाडु के कुन्नूर जगह पर इनका विमान क्रैश होने के कारण इनके मृत्यु हो गई। इनमे उनकी पत्नि साथ उनके 11 अन्य सदस्य की भी मृत्यु हुई थी।
- ब्रिगेडियर एल एस लिददर
- लेफ्टिनेट कर्नल हरजिंंदर सिंह
- विंंग कमांडर पीएस चौहाँन
- स्कवॉड्रन लीडर के. सिंह
- जेड्ब्ल्यूओ दास
- जेड्ब्ल्यूओ प्रदीप ए.
- नायक गुरसेवक सिंंह
- नायक जितेंद्र सिंंह
- लांंस नायक विवेक सिंह
- लांंस नायक साई तेजा
- हवलदार सतपाल सिंह
- गुरुप केप्टन वरुण सिंंह
अंतिम सस्कार
जनरल बिपिन रावत व उनकी धर्म पत्नि मधुलिका रावत का अतिम संस्कार 12 दिसम्बर 2021 को दिल्ली के भारतीया सेना केम्प के बरार स्क्कवायर मे लगभग 5:00 PM में राजकिय सम्मान के साथ किया गया। उनके सम्मान 17 तोपो की सलामी दी गई।
जनलर बिपिन रावत के से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
- यह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ़ (CDS) अधिकारी थे।
- यह देश के 27 वे थल सेना अध्यक्ष थे।
- यह सबसे योग्य व्यक्तियो मे से एक थे।
- यह एक सामान्य परिवार से सम्बंंधित रखते थे। यह हिन्दू गढवाली राजपूत थे।
- इनके परिवार मे भी सेना मे अपनी सेवाएंं दे चुके है।
- यह उत्तराखंड के गढवाल जिले के पौड़ी से थे।
- इनकी नेतृत्व मे म्यामार मे 2015 मे सीमापार आतंकीयो पर सफल ऑपरेशन किया। और इनके साथ ही 2016 उरी व अन्य सीमा पार पाकिस्तान को सीमापार मे घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को सफल किया ।
- वह अपने कार्यकाल के दौरान कई विदेशिया यात्रा पर भी गये।
last update 10/12/2021, 05:pm
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