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शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

राहुल बजाज के बारे में(About of Rahul Bajaj)

दोस्तों क्या आप जानते हो आज के वर्तमान समय में भारत में दो पहिया वाहन बजाज समूह कंपनी को स्थापित करने वाले कौन थे उन्होंने बजाज समूह  कंपनी कैसे स्थापित की और अपने आप को ऐतिहासिक व्यक्ति के रूप में दर्ज करवाया तो चलिए जानते हैं बजाज कंपनी के संस्थापक राहुल बजाज के बारे में:-

राहुल बजाज फोटो क्रेडिट टाइम्स ऑफ इंडिया

राहुल बजाज कौन थे?

राहुल बजाज भारत देश के जाने माने वाली दो पहिया कंपनी बजाज समूह के संस्थापक थे। स्वतंत्रता संग्राम समाजसेवी जमुनालाल बजाज के पोते थे।इनका पिता का नाम कमलनयन बजाज और माता का नाम सावित्री बजाज का था।राहुल बजाज ने ही बजाज समूह कंपनी की स्थापना  की और भारत देश में दोपहिया वाहन को बजाज कंपनी के रूप में भारत में लाये। जब यह दो पहिया वाहन को लेकर आए तब उस समय दोपहिया वाहन की आम आदमी को काफी जरूरत थी सन 1978 में बजाज कंपनी के रूप में यह दो पहिया वाहन भारत के बाजारों में लेकर आए।

राहुल बजाज का जन्म

राहुल बजाज का जन्म भारत-पाकिस्तान के अलग होने से पहले ही जन्म हुआ था इनका जन्म बंगाल के कोलकाता में 10 जून 1938 को हुआ था। इनका संबंध राजस्थान से है। यह मारवाडी से संबंध रखते थे।

राहुल बजाज का विवाह

बजाज का सन 1961 में रूपा घोलाप से हुआ था और इनके वर्तमान में दो पुत्र और एक पुत्री है।

राहुल बजाज की पढ़ाई

राहुल बजाज ने अपने निवास स्थान न्यू कैथडल से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद  ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।इसके बाद उन्होंने बॉम्बे यूनिर्सिटी से भी पढ़ाई की।एमबीए की पढ़ाई करने के लिए वो अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल गए।उसके बाद 1965 में जब वो लौटकर आए तो बजाज ऑटो में काम करना शुरू किया और 1968 में कंपनी के सीईओ बने।

स्कूटी वाहन के रूप में घर-घर में अलग बजाज की पहचान

पढ़ाई पूरी करने के बाद सन 1968 में अपने दादा द्वारा स्थापित की गई बजाज कंपनी के सीईओ के रूप में पदभार संभाला और बजाज ऑटो व बजाज समूह कंपनी की स्थापना की और उसके कुछ दिनों बाद ही भारत के बाजारों में बजाज कंपनी के नाम से दो पहिया वाहन बाजार में लेकर ‌ आये।


बजाज ऑटो पहले मुख्य तौर पर 3-व्हीलर्स का काम करती थी।आज भी वह दुनिया की सबसे बड़ी 3-व्हीलर एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी है।लेकिन 1972 में बजाज ऑटो ने ‘चेतक’ ब्रांड नाम का स्कूटर  भारतीय बाजार में उतारा।इस स्कूटर ने बजाज को देश के कोने-कोने और घर-घर में पहचान दिलाई।

बजाज चेतक के लिए कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तौर पर ‘हमारा बजाज’ स्लोगन तैयार किया. इस स्लोगन ने कई पीढ़ियों तक लोगों के मन पर राज किया. आज भी इसे हिंदुस्तान के सबसे सफल मार्केटिंग कैंपेन में से एक माना जाता है।


राहुल बजाज को सम्मान व पुरस्कार

राहुल बजाज को 1979 से लेकर 2000 तक काफी मान सम्मान व पुरस्कार मिला है।

  1.  यह भारतीय उद्योग परिसंघ, मेहता चेंबर ऑफ कॉमर्स, ऑटोमोबाइल और संबंध उद्योग, इंडियन एयरलाइंस,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉम्बे के बोर्ड ऑफ गर्वनर के अध्यक्ष रह चुके हैं।
  2. हावर्ड बिजनेस स्कूल अल्युमुनि अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।
  3. फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा night in the order legion of order  से सम्मानित हो चुके हैं।
  4. 1975 में राष्ट्रीयता गुणवत्ता इंश्योरेंस संस्थान से मैन ऑफ द ईयर से पुरस्कृत किए जा चुके हैं
  5. 1990 में बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन से प्रबंधन क्षेत्र में विशिष्ठ सेवाओं के लिए  सम्मानित किए जा चुके हैं।
  6. राहुल बजाज को FIE फाउंडेशन ने सन 1996 राष्ट्र भूषण से सम्मानित किया है।
  7. राहुल बजाज को लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट ने  सन 2000 में तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया है।
  8. सन 2001 में भारत सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में विकास से संबंधित पद्म विभूषण भी मिला है।

बजाज कंपनी की बागडोर अपने बेटों के हाथ में

सन 2005 में राहुल बजाज ने कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी की जिम्मेदारी अपने बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज को दे दी थी। राहुल बजाज की बेटी सुनैना केजरीवालहै। ईन्होंने बजाज ऑटो में गैर-कार्यकारी निदेशक और चेयरमैन पद से पिछले वर्ष 30 अप्रैल 2020 को इस्तीफा दिया था।

राहुल बजाज का निधन

बजाज ग्रुप व बजाज ऑटो के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का 12 फरवरी 2022 को पुणे के अस्पताल में निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि यह काफी समय से बीमार थे और कैंसर से पीड़ित थे।













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